Tuesday, January 25, 2011

सठियाया गणतंत्र

हे, भारतीय  गणतंत्र  तुम्हें प्रणाम |  तुम्हें ६१ वीं सालगिरह पर बहुत-बहुत बधाई| तुम्हारी छत्र-छाया में खादी पहन कर देश के नेता खूब फले-फूले | क्या इस बार अपना बर्थ-डे मनाते समय ऐसा नहीं लगता कि अब तुम बूढ़े हो गये हो | जो लोग तुम्हारे साथ पैदा हुए वे भी सठिया गये हैं और तुम भी | तुम्हारे बर्थ-डे पर तिरंगे की नेतागिरी हो रही है | गुजरे साठ सालों में तुम पर क्या गुजरी तुम्ही जानते हो | तुम्हारे छाती  पर गांधी जी की खादी रूप बदल कर नंगा नाच कर रही है | जिस देश को तुम पर नाज है ,जो देश तुम्हारी छाया  में घोटालों का दंश झेल रहा है ,जो देश तुम्हारी सालगिरह बंदूकों के पहरे में मनाता है वहां रहने वालों से तुम्हारी ये हालत देखी नहीं जा रही | क्या तुम सचमुच कमजोर हो गये हो ? क्या तुम सही में सठिया गये हो ? क्या देश की आने वाली नई पीढी को तुम्हारे इसी सठियऐपन के साथ ही जीना पड़ेगा| क्या तुम्हारे कायाकल्प का कोई विकल्प नहीं है ? मेरे प्यारे गणतंत्र जरा सोचो देश के आम लोगों के बारे में ,घोटालेबाज भ्रष्ट नेताओं के इलाज के बारे में,खुद अपने बारे में और उस युवा  पीढी के बारे में जिसकी आँखों में ढेर सारे सपने हैं पर उन्हें छले जाने का डर सता रहा है |
   हे, गणतंत्र तुम्हारी जय हो क्यों कि  तुम ही इतने सबल हो कि लाखों कड़ोर डकार जाने वालों को इतने साल तक झेल कर भी देश  को बचाए रख सके | तुम्हीं वह ताकत हो जिसने एक अरब लोगों को बिखरने नहीं  दिया वर्ना कुछ सेकड़ा नेता हिंदुस्तान के भीतर ही अपने-अपने देश बना लेते गणों को फिर से गुलाम बना लेते तंत्र का पता ही नहीं  होता | वैसे बुरा नहीं मानना तुम्हें इलाज की जरूरत है ,पुराने देश भक्तों जैसे चरित्रवान नेताओं की जरूरत  है ,संविधान में विटामिन भी चाहिए होगा ,एंटी वायरस की तरह एंटी नेता साफ्टवेयर भी तुम्हें चाहिए होगा | इसके बाद तुम्हें अपने सठियऐपन इसके बाद ही तुम्हें इस से निज़ात मिलने की उम्मीद है | बहरहाल तुम चिरजीवी हो ,स्वस्थ्य रहो और विश्वविजयी हो | इन्हीं शुभकामनाओं के साथ..............
 भारतीय गणतंत्र का एक नागरिक  

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