Thursday, December 16, 2010

शादी,सत्ता और शक्ति प्रदर्शन

सांसद गणेश सिंह बेशक बधाई के पात्र हैं कि उन्होंने १४ दिसंबर को अपनी भतीजी कि शादी में करीब ६० हजार लोगों को बुलाया| वे सांसद हैं ऐसा कर सकते हैं | एक- दो करोड़ उनके लिए कोई मायने नहीं रखते वैसे इस शाही शादी पर खर्चे को लेकर लोगों ने जुबान खोलनी शुरू कर दी है | शादी सांसद के परिवार की थी इसलिए प्रशासन से लेकर पुलिस तक नतमस्तक रही | प्रदेश में भाजपा की सत्ता और सत्ता का सांसद होने के नाते पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह और सीएम शिवराज सिंह से लेकर तमाम सांसद ,विधायक,मौजूद रहे | कुछ लोग तो सचमुच शादी के लिए आये थे पर अधिकांश बड़े नेताओ की चमचागिरी में लगे थे | शादी में सत्ता और शक्ति प्रदर्शन साफ दिखा| भले मामला ही शादी का था लेकिन प्रोटोकाल के कारण कलेक्टर, एसपी को तो रहना ही था ,सो वे रहे | जिन लोगो को उम्मीद थे कि छक कर खायेंगे उनकी जीभ और पेट मनमाफिक तृप्त नहीं हो सका | खाने का भरपूर इंतजाम होने के बाद भी खाने  को मिले सिर्फ धक्के | भीड़ ऐसे कि जैसे कुम्भ का मेला लगा हो | सांसद जी  ने जितने लोगों को न्योता दिया उससे चार गुना लोग पहुँच गये | आखिर न्योता सांसद का जो था उस पर भी नेताओं की भीड़ | सांसद ने अपने गाँव गाँव के वोटरों को जितने प्यार से बुलाया जनता भी उतने ही प्यार से पहुंची | इस शादी में हर आदमी खुद को वीईपी मान रहा था वो इसलिए कि कोई विधायक था तो कोई विधायक का खास ,कोई सांसद का प्रतिनिधि , कोई सरपंच ,कोई पत्रकार मतलब ये कि कोई किसे से कम नहीं था | पंडाल में भी सत्ता और जनता का अलग अलग इंतजाम था पर एक समय ऐसा भी आया कि रोटी के लिए जनता ने सत्ता को धक्का दे दिया| जिनके लिए कुर्सियों पर बैठ कर खाने का इंतजाम था वहां वोट देने वालों ने खड़े खड़े कब्ज़ा का लिया |  इसी बीच सांसद तक सन्देश पहुंचा कि अगर वोटरों को रोटी न मिली तो दूरगामी परिणाम हो सकते हैं|
हाँ , तो मै कह रहा था कि सांसद के यहाँ शादी में सत्ता और शक्ति का प्रदर्शन भी नजर आया | गाँव से जुड़े सांसद ने दिल्ली की  तर्ज पर मेहमानों के  स्वागत के लिए उन कन्याओं का भी इंतजाम किया था जो मुस्कान के साथ भोजन परोसती थीं कुछ लोगों को भोजन से कहीं ज्यादा ये इंतजाम पसंद आया | वैसे ये कोई नई बात नहीं थी |इतना जरूर है कि सामान्य लोगों को ऐसी शादियाँ कम ही नसीब होती हैं | गणेश सिंह के यहाँ मुख्यमंत्री और राजनाथ सिंह के आने से भाजपा के भीतर यह सन्देश तो जरूर गया कि कुछ भी हो उनकी पकड़ ऊपर तक बहुत मजबूत है | पार्टी के भीतर और बाहर ऐसा माना  जाता है कि जिले में भाजपा एक तरफ और गणेश सिंह दूसरी तरफ तो ये बात शादी में भी कहीं न कहीं साबित हुई | शिवराज सिंह और राजनाथ सिंह ने आ कर शादी की रौनक तो बढाई ही साथ में गणेश सिंह का रुतबा भी बढ़ाया | अब तो न केवल सतना बल्कि पूरे प्रदेश में कुछ विधायक और दूसरे नेता भी गणेश परिक्रमा को जरूरी मानने लगे हैं | बहरहाल इसे शादी में सियासत कहें या सियासत के लिए शादी पर इतना तो तय है कि इसकी धमक भाजपा में दिल्ली तक होगी |

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